Covid-19 and Flood Relief

रिलीफ रिपोर्ट – महाड़ और पोलादपुर

यूसुफ मेहेरअली सेंटर और हैल्पिंग हैंड चैरिटेबल ट्रस्ट के साझा पहल से सेंटर की रिलीफ कमिटी की मीटिंग में 27 जुलाई को तय हुए निर्णयों के अनुसार एक टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के दौरे के लिए आज सुबह मुंबई से निकली । इस टीम में नितिन आनेराव जी, सतीश ऊंडालकर, प्रशांत गावंड, गुड्डी सहित नारायण जाधव शामिल थे । 500 राशन किट, 150 टॉर्च, 100 लाइटर, 60 किलो चावल आदि के राहत सामान के साथ एक टाटा एस्सार भी इस टीम के साथ था । यूसुफ मेहेरअली सेंटर, तारा से इस टीम में दिवाकर भाई, करण थापा और रहमान भाई भी रिलीफ के काम के लिए एम्बुलेंस के साथ शामिल हुए ।

 

 

दिन भर के राहत के कार्य के बाद हम यह कह सकते है कि:-

 

 

राहत के दौरान कई जगह लोगों ने यूसुफ मेहेरअली सेंटर तारा का उल्लेख किया, लोग अपने मुंबई प्रवास के दौरान हमारे हॉस्पिटल और सेंटर को नोटिस करते है ।

 

  1. महाड़ में कई मेडिकल टीम काम कर रही है लेकिन वहाँ अब भी मेडिकल टीम की जरूरत है ।

 

 

  1. सबसे ज्यादा जरूरत है वाटर पावर प्रेशर की जिससे साफ सफाई का काम दुगनी स्पीड से बढ़ सकता है ।

 

 

  1. लोगों को राहत में अब राशन और पानी स्टोर करने को लेकर साधन, तालपत्री, बेडशीट, जूते या चप्पल आदि की जरूरत है ।

 

 

  1. महाड़ को बड़े पैमाने पर शारीरिक श्रम करनेवाले कार्यकर्ताओं की जरूरत थी और है लेकिन जिस तरह से कई एजेंसियाँ (Voluntary) काम कर रही है शायद 10 दिन बाद तस्वीर कुछ अलग होगी ।

 

 

  1. महाड़ शहर के अंदर और उसके आस – पास के 10 किलोमीटर के अंदर कई हजार शायद लाख किलो कचरा सड़क के किनारे पड़ा हुआ है, उसके व्यवस्थापन का कोई समाधान दिख नही रहा । शहर में फैल रहे दुर्गंध की वजह से लोग बीमार हो रहे है ।

 

 

  1. महाड़ में दो आदिवासी वाड़ी के एक भी घर नही बचे, उन्हें तुरंत पुनर्वास की जरूरत है । फिलहाल वो स्कूल और मंदिर के अंदर रह रहे है ।

 

 

  1. सबसे ज्यादा नुकसान पुरानी इमारतों को हुआ है जिससे नजदीकी भविष्य में उनके धसने या गिरने की संभावना है ऐसे लोगों की भी रहने की वैकल्पिक व्यवस्था की आवश्यकता है ।

 

 

  1. लोगों की भात की खेती का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है ।

 

 

  1. सरकार ने दुकान और मकानों के पंचनामा किए है लेकिन पिछले वर्ष के निसर्ग में हुए नुकसान के पंचनामे का अब तक मुआवजा नही मिला है लोगों को ।

 

 

  1. महाड़ में कई घरों और सोसाइटी में कुँए है, वो उसके पानी का उपयोग भी करते थे लेकिन बाढ़ के बाद उनका उपयोग बंद है । हम केरला की तरह कुऍं साफ करने का काम भी कर सकते है । बड़े पैमाने से मुंबई और पुणे से बॉटल वाटर का सप्लाई पूरे क्षेत्र में है ।

 

  1. क्यूँकि महाड़ 100 प्रतिशत प्रभावित है इसलिए दुकानों की स्थिति ऐसी नही है कि वो जल्द शुरू हो पाए इसलिए कुछ इलाकों में लोगों की माँग थी कि हम सामान खरीद कर लेने को तैयार है लेकिन सामान उपलब्ध होना चाहिए । उन्होंने अपना बाजार से मोबाईल वैन शॉप की व्यवस्था का आग्रह किया । अभी लोग 30 – 40 किलोमीटर दूर जाकर किराना का सामान ले रहे है ।

 

राहत के कार्य के स्टॉप :-

 

पहला स्टॉप रायगड़ खिंडी:-

 

यहाँ हमारे स्थानीय संपर्क मिलिंद टिपनिस जी ने शुरुवात में हमें महाड़ की वर्तमान स्थिति के बारे में हमें जानकारी दी ।

 

 

दूसरा स्टॉप:-

 

उसके बाद हम शहर के उत्तर में अंदर की तरफ करबखोल और गोंदाडे गाँव में गए जहाँ अभी तक लोगों की मदद बहुत कम पहुँची थी । 36 परिवारों को हमने सहयोग किया ।

 

 

तिसरा स्टॉप:-

 

वीरेश्वर मंदिर में पिछले एक हफ्ते से राष्ट्र सेवा दल और आरोग्य सेना के साथियों ने स्थानीय लोगों के सहायता हेतु छावनी लगाई है । मुख्यतः वो तीन काम कर रहे है 1. जिन लोगों के घरों का नुकसान हुआ है उसको रिकॉर्ड करना, उसे Verify करना । 2. जो अकेले है अपने घरों में, विधवा हो, अपाहिज हो या बुजुर्ग ऐसे लोगों के घरों को जाकर साफ करना । 3. सड़को और सामुदायिक जगहों की सफाई पावर प्रेशर के जरिए । यहाँ हमारी मुलाकात सामाजिक कार्यकर्ता उल्का महाजन जी से हुई उन्होंने उस इलाके में पिछले 25 वर्षों में पर्यावरण को ताक पर रख कर किए गए विकास को इसका जिम्मेदार बताया ।

 

 

चौथा स्टॉप:-

 

चवदार तालाब के पास वामन राव विद्यालय जहाँ अभी भी स्कूल की साफ सफाई का काम चल रहा था, वहाँ के शिक्षकों के साथ मुलाकात की और वहाँ काम कर रहे 8 शिक्षकों को राशन की किट दी ।

 

 

पाँचवा स्टॉप:-

 

गिरी चॉल यहाँ सड़क के किनारे के तीन घर बुरी तरह से बाढ़ से प्रभावित है ।

 

 

छठवाँ स्टॉप:-

 

दादली गाँव के मंदिर में कातकरी समुदाय के 15 परिवारों का पुनर्वसन किया गया है।

 

 

सातवाँ स्टॉप:-

 

चोचींदे गाँव में 5 अंत्योदय कार्ड होल्डर परिवारों को राशन किट दी ।

 

 

आठवाँ स्टॉप:-

 

वाड़वली बुध्द वाड़ी में 17 दलित परिवारों से मुलाकात की और उन्होंने अपनी आप बीती बताई, उन्हें सहयोग किया गया ।

 

 

नौवां स्टॉप:-

 

माटवन और माटवन मोहल्ला जो कि महाड़ से 7 -8 किलोमीटर अंदर है वहाँ 15 परिवारों को राशन किट दी ।

 

 

दसवाँ स्टॉप :-

 

तुंगवले गाँव जिसके निचले स्तर पर रहनेवाले 17 परिवारों के घर 11 फ़ीट पानी मे थे उन्हें राशन किट दी गयी ।

 

 

महाड़ के राहत कार्य के बाद टीम ने पोलादपुर के उम्बरडे गाँव के 70 परिवारों को राशन किट और टॉर्च दिया । क्यूँकि पूरे इलाके में पिछले 12 दिनों बाद बिजली आयी है और आती जाती रहती है इसलिए टॉर्च पाकर लोग बहुत खुश थे ।

 

महाड़ में बाढ़ प्रभावित लोगों से बातचीत:-

 

लगभग जिनसे भी मिले हम, सभी ने कहा कि यह बाढ़ 2005 से दुगुनी थी, लगभग महाड़ शहर 15 से 20 फ़ीट पानी में था । लोगों का पहिला मंजिला भी पानी मे था । हर साल पानी कुछ इलाकों के घरों में आता है लेकिन 2 फ़ीट तक ।

 

लोग मानते है कि लगातार हो रहे कंस्ट्रक्शन और बढ़ती इंडस्ट्री की वजह से पानी को निकास नही मिल रहा है ।

 

क्यूँकि यह पहाड़ी इलाका है तो बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ बारिश की वजह से जिस से मिट्टी बहकर आयी और उसने भी पानी को निकलने नही दिया ।

 

बारिश इस इलाके में लगातार जारी है महाड़ की सावित्री और गांधरी दोनों नदी का पानी अभी भी बढ़ने की संभावना है । लोगों में बहुत डर है ।

 

महाड़ शहर क्यूँकि निचले इलाके में है, वहाँ दुकानों के insurance कोई कंपनी नही करती ऐसा एक दुकानदार ने बताया । व्यापारी संघ ने इसकी कोशिश भी की थी ।

 

लोगों के दुकानों और घरों में मिट्टी है, लोग धीरे -धीरे सफाई कर रहे है लेकिन अब लोग लगातार पानी में रहने की वजह से बीमार हो रहे है बुखार के केसेस शहर में ज्यादा है ।

 

लोगों का कहना था कि कोविड की वजह से तो पहले ही काफी नुकसान हो रहा था, बेरोजगारी थी इस बाढ़ ने कम से कम महाड़ को 10 साल पीछे फेंक दिया ।

 

शहर की अंदाजन 1000 (संख्या इस से भी ज्यादा हो सकती है ) से ज्यादा गाडियाँ अब शायद दोबारा मरम्मत के बाद भी फिर शुरू ना हो पाए ।

 

महिलाएँ बाढ़ के समय दो दिन पानी में घरों की छतों पर, कहीं बाहर (जब तक कैम्प में नही गयी) भीगती रही, बारिश के बाद उन्हें घरों की साफ सफाई में लगना पड़ा, जिस तरह की स्थिति है उसमें उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह का तनाव सहना पड़ रहा है ।

 

बच्चे डरे हुए है लेकिन लगातार आनेवाली मदद से और लोगों की बातचीत से माहौल उनके लिए सामान्य बन रहा है ।

 

शहर में लोगों का कहना था कि बाढ़ के बाद से क्यूँकि जरूरी रोजमर्रा की सप्लाई बाधित हुई है और रेट पहले से बढ़े है इसलिए कई चीजों को वो खरीद नही सकते जैसे सब्जी या दूध ।

 

कई अन्य ऑब्जरवेशन है लेकिन सब लिखना संभव नही । जब मिलेंगे उन पर जरूर बात करेंगे ।

 

 

Yusuf Meherally Centre, a non-profit development organization, functioning since 1962,has taken up initiatives to meet with local people for over 50 villages of Raighad districts near Mumbai.  Spreading awareness busing the myth against Covid vaccines. Our volunteers are coordinating and ferrying people to vaccine centre’s. Sending our ambulances and doctors to villages to provide treatment for those non Covid patients who cant go or are unable to get admitted to hospital’s.

We have started providing ration to families of Covid affected patients, image below on our collection and distribution go-down:

 

News coverage below:

News print media coverage:

कोरोना राहत कार्य:

उत्तराखंड में युसुफ मेहरअली सेंटर ने कोरोना रिलीफ वर्क शुरू कर दिया है। डंतपूंसं भ्मंसजी प्दपजपंजपअम की डेढ़ लाख की मदद 11 मई 2021 को वाईएमसी को मिली। जिसके बाद से 12 मई को विकासनगर से कोरोना से लड़ने में सक्षम सभी उपकरण मंगवाए गए हैं। 13 मई 2021 से राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं।

उत्तराखंड में कोरोना की स्थिति बेहद नाजुक है। मुंबई से डेढ़ गुना ज्यादा मामले रोज देेहरादून शहर में सामने आ रहे हैं। दूसरे नंबर पर हरिद्वार है। देश के 10 सबसे प्रभावित राज्यों में उत्तराखंड का नाम, तो देश से सबसे प्रभावित 10 दिनों में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून शूमार है। पहाड़ के प्रत्योग गांव में कोरोना महामारी फैल चुकी है। हरेक परिवार बुखार, खांसी, जुखाम, उल्टी दस्त से त्रस्त है। जबकि गांवों में कई लोगों की मौत हो चुकी है। गंगा और यमुना समेत सहायक नदियों में शव बहने की खबरें रोज अखबारों में छप रही है। लगातार बारिश होने से शवों को जलाना मुश्किल हो रखा है।

सिर्फ वाईएमसी सेंटर कांडीखाल की बात करें, तो अब तक तीन परिवारों को कोरोना हो चुका है। एक परिवार उभर चुका है, जबकि दो परिवार अभी भी कोरोनाग्रस्त हैं और घर पर ही कोरंटाइन हैं। इसके अलावा भी दो परिवारों में एक एक लोग कोरोनाग्रस्त है। जिन्हें घर पर ही कोरंटाईन किया गया है। सरकारी सिस्टम का हाल यह है कि अब भी उक्त लोगांे को न तो डाक्टर, पुलिस, तहसील प्रशासन देखने, सुध लेने को पहुंचा, न कोई समाजसेवी। परिवार घर पर कोरंटाइन है और उनको खाने-पीने की जरूरी चीजें तक नहीं मिल पा रही हैं। खेतों में पकी उनकी फसले बबार्द हो चुकी हैं। ऐसे में, आने वाला समय भी उनके लिए चुनौति भरा होने वाला है। ये पोजिटिव रिपोर्ट वाले मामले हैं। इसके अलावा भी गांव में कई ऐसे लोग कोरोनाग्रस्त हैं, तो बीमारी को बारे में बता ही नहीं रहे हैं। मदद के नाम पर सिर्फ वाईएमसी के साथियों ने ही पीड़ितों को मदद की। कांडीखाल से सिर्फ नौ परिवार रहते हैं। उसके बावजूद कोरोना का यह हाल है। आसपास के 50 से 100 गांवों वाले परिवारों में स्थिति और भी भयावह है।

क्षेत्र के कई गांवों में 3 से 4 मौतें हो चुकी हैं। मरने वालों में ज्यादातर नौजवान हैं। अस्पताल सिर्फ देहरादून है, जहां वैसे भी कोरोना से बुरा हाल है। बैड नहीं मिल रहे। जो कोई भर्ती हुआ उसको पूछने वाला कोई नहीं था। और भूख-प्यास से ही अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इस भय से कोई बीमारी सामने लाने को तैयार नहीं है। ऐसे हालात में युसुफ मेहरअली सेंटर ने कोरोना से राहत दिलाने के लिए कुछ भीमारीग्रस्त गांवांे में काम करने का तय किया है।

इसके लिए दो आज से एक डाक्टर श्री नीरज रावत और एक फार्मेसिस्ट को साथ लिया गया है। जबकि, वाईएमसी की ओर से जबर सिंह, राजेश कुमार, फिलिफ भाई और कुलदीप की एक टीम बनाई गई है।

सेंटर से लगे क्षेत्र के सबसे ज्यादा प्रभावित गांवों सैंजी, कांडीखाल, भटोली, चम्या, बनोगी, द्वारगढ़ और गरखेत गांवांे को पहले चरण में लिया गया है।

आज आठ बजे से सैंजी गांव से शुरूआत होगी। इसके तहत सबसे पहले गांव में मशीन के जरिए छिड़काव करेंगे। डाॅक्टर चेकअप करेंगे। किसको क्या दिक्कत है, बताएंगे। कोरोना से बचाव आदि के तरीके बताएंगे। कोरोना, बुखार, वीपी, सुगर जांच के सभी उपकरण खरीदे हैं, जिसके जरिए जांच कर मरीजों की स्थिति पता लगाई जाएगा। जरूरत पढ़ने पर पीड़ितों को मसूरी या देहरादून भेजेंगें। दवा के अलावा स्थानीय नुक्से बताएंगे। कांडीखाल में मास्क तैयार किए जा रहे हैं। जिनको धीरे धीरे गांवों में बांटेंगे। जिला व तहसील प्रशासन के साथ भी संपर्क में रहेंगे और उनको स्थिति से अवगत कराएंगे।, जो फिलवक्त भी हम कर ही रहे हैं।

कांडीखाल में वर्तमान पर डेयरी की उपरी मंजिल में 17 लेबर रह रही है। जिनके खाने, रहने का इंतजाम भी सेंटर कर रहा है।

युसुफ मेहरअलीसेंटर टीम, कांडीखाल

Report from our Kutch centre 15th May 2021:

रिपोर्ट

पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष फिर से करोना के विरुद्ध हमारी जंग जारी है /पिछले वर्ष सेंटर ने निम्नलिखित प्रोजेक्ट पर कार्य किया था –

  1. राशन किट
  2. फूड पेकटे
  3. पैसे के द्वारा लेबर लोगों को मदद
  4. सरकार को राशन किट द्वारा मदद
  5. लेबर लोगों को रेलेवे स्टेंड छोड़ने के ले ट्रसपोर्ट की  सुबिधा

 

 

इस वर्ष सेंटर के द्वारा निमलिखित कार्य चल रहा है –

1    करोना रेपिड टेस्ट  -500 किट रोटरी क्लब को दिया , आभी तक 400 से ज्यादा टेस्ट हो गया है /

2       राशन किट का वितरण –   सेंटर के द्वारा 500 राशन किट वितरण किया जा रहा है /इसके अंतर्गत माइग्रैट लेबर लोगों को निशुल्क राशन किट दिया जा रहा है /

नमक में काम करने वाले मजदूरों को अगले हफ्ते से राशन किट दिया जाएगा

फिशिंग में काम करने वाले परिवारों को भी जल्द राशन किट दिया जाएगा /

3  हेल्थ सपोर्ट –  लोगों को मदद करने के लिए जल्द ही कार्य शरू करने वाले है /जल्द ही  श्री लीलाधर               भाई से बात कर के ये काम शरू कर देंगे

सायकलोने

सायकलोन आने की बात है/ 16 से 18 तक गुजरात  आने के वजह से मुँदरा के स्कूल में एक हजार मजदूरों  के रहने तथा उनके खाने की व्ययस्था कर दिया गया  है  इसके अलावा नमक में काम करने वाले लोगों के लिए एक मदिर में सरकार के साथ मिल कर व्ययस्था कर रहे है /कल सुबह से गाड़ी के द्वारा  लोगों को सुरक्षित जगह पर  पहुचाने  का कार्य शरू कर देंगे / सभी गाड़ी में पेट्रोल फूल कर के रखा है / ड्राइवर को निर्देश दिया गया है की अगर  सायकलोने   आया उनको 24 घंटे कार्य करना होगा/ राशन वाले से भी बात कर रखे जीतने भी राशन की जरूरत होगी उतनी हमे मिल  जाएगी /

हामारे डोनेर

Aarti Foundation के तरफ़  से 5 लाख आ  गाया है जिसका 500 राशन किट बना कर वितरण का कार्य शरू कर दिया है /

अभियान के तरफ से 300 राशन किट देने की बात है जो की 500 राशन के खतम होने के बाद शरू करेंगे /

Hul  के तरफ 15000 हाईजिन  किट मिलने की बात है / इसके अलावा 2 लाख खादी का मास्क बनाने की बात चल रही है साथ ही 5000 कॉटन बैग बनाने की बात है /इस काम को हमारी 100 बहनों के द्वारा किया जाएगा , उनसे बात हो गई है अगर ऑर्डर मिल गया  तो एक महीने में काम पूरा हो जाएगा /

इस वर्ष एक एम्बुलेंस सर्विस शरू करने की योजना है इसके मदद से  लोगों को अस्पताल समय पर पहुचा सकते है /

कच्छ के लिए किसी भी मदद की जरूरत फ़िलहाल नहीं ,हमे दूसरे बाँच की मदद करने की जरूरत है /

 

Yusuf Meherally Centre started the ‘Food for the Marginalized’ program on March 25th. We joined the efforts of individual initiatives which had started in 3 cities of Greater Mumbai region – Mumbai, Navi-Mumbai and Panvel. (Mankhurd, Govandi, King circle, Mahim,Dadar, Worli, Dharavi, Andheri east and west, Kandiveli, Dahisar, Kolva in Thane, Bhiwani, Kalyan, Dombivali, Panvel, Belapur, Nerul, Chembur and Bandra East & West). We decidedto move beyond Mumbai city. We tried our best and expanded our reach to help families of daily wagers, homeless, construction workers, poor living in slums, widows, transgender and the tribes in the nearby district of Mumbai. We have reached out to 3600 family across the Mumbai, Navi-Mumbai and Panvel.

The daily wage workers from the unorganized sector (construction work, street vendors, small shop workers and porters) single women, children are the ones who need help right now, tosurvive this catastrophe. They are the ones who have exhausted their money in hand, andunable to procure food and other essentials.

Yusuf Meherally Centre brought to the attention of the District Collector of Raigad the problems faced by some of the adivasi villagers who have not yet obtained a ration card for themselves. The DM has given instruction to the Tahasildar and the District Civil Supplies Officer to immediately complete the formalities to provide ration card to these people so that they get the benefits in this time of lock down. We have provided ration kit to most venerable 1600 tribal family in 20 different village of Raigad district with the help of different organisations.

We have also recognized the need to support the marginalized communities in two districts of Maharashtra in Raigad and Ratnagiri for 20 villages. In Raigad district specifically, in the vicinity of Tara village where YMC rural centre and a hospital is located, we are providing free health services to this population mostly the daily-wage labourers who are in need of this service. We have provided 500 masks to needy persons. We are also initiating the same from the hospitalbased in Anjanwel near Chiplun. Our Doctor and volunteers are taking care of 397 fisherman family covering three village of nearby Chiplun center. We are providing them free medical checkup and medicine. We are already in touch with ZP-DHO in Ratnagiri, to make the space available as quarantine ward to accommodate 25-30 people if and when required.

Jammu, we have distributed 7000 khadi masks to diverse front-line workers in hospital, police and banking staff. We have provided cocked food to 8650 person who is stuck at different place of Jammu district. We have provided the food grains kit to 256 migrants labours family. Our devotion and dedication towards village industry and generate local economy has been our operational credo across India. Because of which we have got order for 10 lac Khadi masks. The different dept and district administration of Jammu and Kashmir approached our Jammu unit to facilitate for the same. We had already given the 20000 masks to district administration. Now we are working to prepare the 10 lac mask. The state govt. is helping us to collect the cloth from different state to meet out the requirement.

Kutch, Gujarat we have distributed approximately 10,000 face masks to hospitals and other departments providing crucial services. We are ready to produce more mask (approx. 20000 per day) as per requirement received from different dept and organisation. In this region, we have reached out to 560 migrants slat labours family. We have received the support from our supporting organisation to reach out 800 family in Bachow block.

We are preparing the food grains kit for them and trying to reach there as soon as possible. We are also coordinating with district administration to provide ration card to migrants labours. Uttarakhand, Odisha, Bihar and Uttar Pradesh we are strengthening our grassroots support system to reach out to the most vulnerable groups of people in terms of food parcels and imparting basic hygienic and preventive measures. We have provided shelter to 22 migrants labour at our center in Khandikhal village in Uttrakhand. We have provided cocked food to 456 persons for a day at Sonebhadra in UP, to most vulnerable community. We are creating awareness at 20 village in Dhenkanal district of Odisha. We have manufactured 3000 masks and distributed among the villagers in Dhenkanal district of Odisha state. We are working with different group who are working as Corona Warrior at Bhagalpur district in Bihar state. Our volunteers have distributed 200 mask to vegetable vendors nearby our center at Bihpur in Bhaglpur district.

Kerla YMC had ensured that the members of the senior citizens self-help groups formed in Thalavady Village are provided with clean drinking water during the lock down period. Arrangements for this had been made from the RO plant set up as part of its post flood rehabilitation work in Kerala.